5 Simple Statements About पारद शिवलिंग महत्व Explained
5 Simple Statements About पारद शिवलिंग महत्व Explained
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मोक्ष प्राप्ति का द्वार खोलता है पारद शिवलिंग।
प्रदोष च्या वेळी पारद शिवलिंगा वर शिव महिमा स्तोत्र ने अभिषेक करून कोणत्याही आर्थिक स्थिती चे टार्गेट पूर्ण करता येते. किंवा आर्थिक संकटे दूर करता येतात.
प्रतिदिन धूप-दीप दिखाते हुए इस यंत्र की पूजा अर्चना करें।
अपने जीवन में खुशहाली पाने के लिए पराद शिवलिंग की पूजा करना काफी लाभदायक होता है। इससे घर परिवार में सुख-शांति बनी रहती है और धन की कमी नहीं होती।
कुछ ऐसा ही वर्णन बाणासुर राक्षस के लिए भी माना जाता है। उसे भी पारे के शिवलिंग की उपासना के तहत अपनी इच्छाओं को पूर्ण करने का वर प्राप्त हुआ था।
लिंगकोटिसहस्त्रस्य यत्फलं सम्यगर्चनात्। तत्फलं कोटिगुणितं रसलिंगार्चनाद् भवेत्।।
आपको बता दें कि सनातन परंपरा में भगवान शिव की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है। इसी के साथ सोमवार के दिन भगवान शिव की साधना के लिए समर्पित होता है। ऐसा माना जाता है कि जो भी जातक भगवान शिव की पूजा करता है उस पर भगवान की विशेष कृपा उस पर बनती है। इसके अलावा सभी शिवलिंग की पूजा में पारद शिवलिंग की पूजा करना बेहद महत्वपूर्ण और शुभ माना जाता है।
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पारद श्री यंत्र को स्थापित करने की विधि:
भांग, धतूरा और बेलपत्र शिवलिंग पर अवश्य चढ़ाएं यह शिव को प्रिय है।
उसके बाद शिवलिंग पर हल्दी और चंदन का तिलक लगाएं
दोनों ही शिवलिंग अपने आप में महत्वपूर्ण और पूजनीय हैं। पारद शिवलिंग को भगवान शिव का साक्षात् स्वरूप माना जाता है, जबकि स्फटिक शिवलिंग को स्वयंभू रूप माना जाता है। पारद शिवलिंग नकारात्मक ऊर्जा को दूर करने और ग्रह दोषों को कम करने में सहायक माना जाता है, वहीं स्फटिक शिवलिंग मन को शांत करने और आध्यात्मिक विकास को बढ़ावा देने में सहायक होता है। आप अपनी आवश्यकताओं और पूजा पद्धति के अनुसार इनमें से किसी एक शिवलिंग को चुन सकते हैं।
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